“Dev Deepavali or Kartik Poornima ki hardik Shubhkamnaye”
देव दिवाली की पौराणिक कथाकहते हैं कि इस विजय के बाद सभी देवता काशी नगरी में उतरे और उन्होंने गंगा घाटों पर दीप जलाकर उत्सव मनाया. तभी से यह परंपरा आज तक निभाई जा रही है. मान्यता यह भी है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने अपने मत्स्य अवतार (मछली रूप) में धरती पर प्रकट होकर सृष्टि की रक्षा की थी
